शनि से जुड़ी चुनौतियों को पार करें और नीलम रत्न की आभा से आराम प्राप्त करें। नीलम के चमत्कारिक गुणों को अपनाएं और अपने जीवन में खुशियों, समृद्धि, और समाधान को लाएं। नीलम रत्न के साथ, परिवार की विचारधारा में टकराव को हल करें और समन्वय स्थापित करें। आपको और आपके प्रियजनों को खुशी देने वाले वातावरण को अनुकूल करें।
डिलीवरी: | 5-8 दिनों में डिलीवरी |
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मुफ़्त शिपिंग: | India |
फ़ोन पर ख़रीदें: | +91 9993048033 |
अभिमंत्रित: | फ्री अभिमन्त्रण |
रत्न: | 7.25 रत्ती |
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सर्टिफिकेट: | Govt. द्वारा प्रमाणित लैब सर्टिफिकेट |
धातु: | पंचधातु |
वजन: | 3.5 से 5 ग्राम |
माप: | फ्री साइज (Adjustable) |
ज्योतिष अनुसार नीलम रत्न मकर और कुंभ राशि के लोग पहन सकते हैं।
कौन होते हैं मकर और कुंभ दोनों राशियों के जातकजिन लोगों के नाम का पहला अक्षर गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा है, वे कुंभ राशि के होते हैं। जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी है, वे मकर राशि के होते हैं।
नीलम रत्न धारण करने की विधिइसे शनिवार के दिन शुक्ल पक्ष के शुभ योग में अथवा शनिवार के शुभ नक्षत्र में गले में धारण करें। आप इसे दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में अंगूठी के रूप में भी पहन सकते हैं।
शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर घर के पूजन स्थल में साफ आसन पर बैठ जाएं। अब एक तांबे का बर्तन लें और उसमें गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, गाय का कच्चा दूध, शहद और घी डालें। इसके बाद 108 बार ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ का जाप करें और नीलम रत्न को धारण कर लें। शनि के गोचर के दौरान भी इस रत्न को पहना जा सकता है।
इसके अलावा नीलम पहनने से व्यक्ति की कार्य क्षमता बढ़ती है। नीलम धारण करने से व्यक्ति की कार्यशैली में निखार आता है। साथ ही उसके सोचने की क्षमता का विकास होता है।
इस अंगूठी के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।